Rashmi Pandey

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लेखनी कहानी -08-Jan-2022आशिकी

आशिकी


इतने हसीन लम्हे, मेरी जिंदगी में ना थे
जब से तुम आए, मेरा जीवन बदल गया।।

उस साथ की मदहोशी, हम कभी भुला नहीं सकते।
उस इक पल के सदके, जीवन गुजर गया।।

तुम ने जो दिया है,कोई और क्या देगा।
दुनिया की सारी दौलत, से मोल उसका ना चुका सका।।

सोचा भी न था,प्रीत इस तरह मिल जाएगी।
आशिकी, आशिकी ना हुई, बंदगी हो जाएगी।।

मर ही जायेंगे हम, अगर नजरें फेर ली तुमने।
हमारी तो दुनिया ही, तुम्हारे इर्द गिर्द घूमती हैं।।

उम्र का दौर गुजर जाए पर, आशिकी का दौर नहीं गुजरता।
साथ मिले या ना मिले, इंतजार तो पलकें बिछाए करता।।

                    स्वरचित रचना
               रश्मि पांडेय, शुभि, डिंडोरी, मध्यप्रदेश 

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6 Comments

Ravi Goyal

10-Jan-2022 08:43 AM

बहुत सुंदर रचना 👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

09-Jan-2022 01:43 AM

Nice

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Nisha Tewatiya

08-Jan-2022 08:25 PM

good

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